दूरसंचार या Telecommunication का मानव जीवन में बेहद अहम योगदान हैं, वर्तमान दौर में इंटरनेट शिक्षा, स्वास्थ्य आदि से लेकर पूरी अर्थव्यवस्था की रीढ़ बन चुका है अतः इसमें कोई दो राय नहीं हैं कि, बिना इंटरनेट के किसी समाज, देश या अर्थव्यवस्था का सुचारु रूप से चल पाना लगभग असंभव है। चूँकि दूरसंचार सेवाओं का हमारे जीवन में इतना अहम योगदान है अतः समय-समय पर इनकी गुणवत्ता में सुधार अथवा इसका पहले से उन्नत होना भी उतना ही जरूरी है।
दूरसंचार के संबंध में इस्तेमाल होने वाले 1G, 2G, 3G, 4G इत्यादि इसी विकास यात्रा को प्रदर्शित करते हैं, वर्तमान में अधिकाश विकसित देश इसकी पाँचवी पीढ़ी अर्थात 5G का इस्तेमाल कर रहे हैं जबकि भारत समेत कई अन्य विकासशील देश अभी भी इसकी चौथी पीढ़ी या 4G को इस्तेमाल में ला रहे हैं।
स्वदेशी 5G टेस्टबेड की शुरुआत
देश में 5G तकनीक की शुरुआत करने के उद्देश्य से 17 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के रजत जयंती समारोह में सम्बोधन करते हुए 5G टेस्टबेड का शुभारंभ किया। यह व्यवस्था प्रौद्योगिकी की दिशा में भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य करेगी।
आईआईटी मद्रास के नेत्रत्व में इसे आठ अन्य संस्थाओं, जिनमें IIT दिल्ली, IIT हैदराबाद, IIT बॉम्बे, IIT कानपुर, IISc बैंगलोर, सोसाइटी फॉर एप्लाइड माइक्रोवेव इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग एंड रिसर्च (SAMEER) और सेंटर ऑफ एक्सिलेंस इन वायरलेस टेक्नोलॉजी शामिल हैं, ने मिलकर निर्मित किया है। इसे तकरीबन 220 करोड़ की लागत से स्थापित किया जा रहा है।
5G टेस्टबेड का महत्व
इस 5G टेस्टबेड की शुरुआत का मुख्य उद्देश्य कंपनियों तथा शोधकर्ताओं को 5G प्रौद्योगिकी निर्मित करने तथा उसका परीक्षण करने के लिए मंच उपलब्ध करवाना है। इससे पूर्व तक उद्योगों तथा शोधकर्ताओं को 5G नेटवर्क की स्थापना एवं अपने उत्पादों का परीक्षण व सत्यापन हेतु विदेशी निर्भरता पर मज़बूर होना पड़ता था।
5G तकनीक के बारे में
5G दूरसंचार की पाँचवी पीढ़ी अथवा पाँचवी पीढ़ी का मोबाइल नेटवर्क है, 5G तकनीक दूरसंचार के क्षेत्र में किसी क्रांति से कम नहीं है। इसकी सहायता से विभिन्न मशीनें इंटरनेट के माध्यम से आपस में संवाद कर सकेंगी तथा उपयोगकर्ता के अनुभव को बेहतर बनाने में सहायक होंगी। इंटरनेट स्पीड की बात करें तो 5G में उपयोगकर्ताओं को 20 Gbps (गीगाबाइट प्रति सेकंड) की डाउनलोडिंग स्पीड तथा 20 एमएस से कम की विलंबता प्राप्त होगी। 5G की शुरुआत से रोजगार के नए अवसर खुलेंगे तथा कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, बुनियादी ढाँचे एवं लॉजिस्टिक्स जैसे क्षेत्र में विकास को बढ़ावा मिलेगा तथा भारतीय अर्थव्यवस्था में 450 अरब डॉलर का इजाफा होगा।
5G की राह में चुनौतियाँ
चूँकि 5G तकनीक प्रौद्योगिकी तथा अर्थव्यवस्था के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण है, किन्तु भारत जैसे देश में इसके सुचारु संचालन में कई चुनौतियाँ भी हैं, अतः इसकी अधिक संभावनाएं हैं आने वाले समय में यह सेवा केवल चुनिंदा बड़े शहरों तक ही सीमित रहे। 5G तकनीक में कम दूरी पर टावरों का जाल, बुनियादी ढाँचे में आने वाली लागत तथा ग्रामीण क्षेत्रों में भौगोलिक स्थिति के चलते इसकी शुरुआत 5G की राह में कुछ महत्वपूर्ण चुनौतियाँ हैं।