जानें क्या है जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम तथा इसके तहत क्या क्या प्रावधान हैं? (Janani Shishu Suraksha Karykram)

माताओं तथा शिशुओं की मृत्यु दर को कम करने तथा गर्भवती महिलाओं एवं नवजात शिशुओं को एक बेहतर स्वास्थ्य सेवा मुहैया करवाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (Ministry of Health and Family Welfare) द्वारा जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। परीक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण इस योजना के विषय में इस लेख के माध्यम से विस्तार में चर्चा करेंगे तथा जानेंगे इस योजना के तहत कौन कौन सी सुविधाएं माताओं को उपलब्ध कारवाई जा रही हैं।

जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम

जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम (Janani Shishu Suraksha Karykram) की शुरुआत 1 जून 2011 को भारत सरकार (स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय) द्वारा की गई। योजना का मुख्य उद्देश्य जैसा हमने ऊपर बताया माताओं, गर्भवती महिलाओं और बाल स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करना है। जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत ग्रामीण एवं शहरी दोनों क्षेत्रों में सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में सामान्य रूप से होने वाले प्रसव, सीज़ेरियन परिचालन तथा बीमार नए जन्म (जन्म के 30 दिनों तक) सहित गर्भवती महिलाओं को पूरी तरह से नि: शुल्क और नकद रहित सेवाएं प्रदान करने की व्यवस्था की गई है।

जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के तहत सुविधाएं

जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत माताओं। गर्भवती महिलाओं तथा शिशुओं को मिलने वाली सुविधाओं में निम्नलिखित शामिल हैं-

(i) हमारे देश की अधिकांश आबादी आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है और इस योजना के लागू होने के समय यह आंकड़ा और भी अधिक था, ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच तथा सामान्य जागरूकता का अभाव के कारण माताओं एवं नवजात शिशुओं की मृत्यु दर अधिक थी इसी को ध्यान में रखते हुए जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम की शुरुआत की गई ताकि गर्भवती महिलाओं को संस्थागत प्रसव (स्वास्थ्य केंद्रों के माध्यम से) के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।

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(ii) जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के तहत सरकारी स्‍वास्‍थ्‍य केंद्रों में मुफ्त प्रजनन सुविधाएं, जिसमें सी-सेक्शन/सीजेरियन (ऑपरेशन के माध्यम से प्रसव) को भी शामिल किया गया है, उपलब्ध करवाई जाती हैं।

(iii) योजना के अंतर्गत प्रसव के दौरान मुफ्त तथा नकद रहित (Cashless) दवाओं एवं अन्य जरूरी सप्लीमेंट्स जैसे फॉलिक एसिड इत्यादि का वितरण भी किया जाता है।

(iv) जननी शिशु सुरक्षा योजना के तहत प्रसव प्रक्रिया हेतु स्वास्थ्य संस्थानों में रहने के दौरान नि: शुल्क आहार भी उपलब्ध किया जाता है, जो सामान्‍य डिलीवरी होने की स्थिति में तीन दिन तथा सीजेरियन डिलीवरी की स्थिति में सात दिनों तक दिया जाता है।

(v) योजना के तहत प्रसव के पश्चात (मुख्यतः ऑपरेशन द्वारा प्रसव की स्थिति में) आवश्यकता पड़ने पर रक्त का नि: शुल्क प्रावधान किया जाता है।

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(vi) जननी शिशु सुरक्षा योजना के अंतर्गत प्रसव से जुड़ी महत्वपूर्ण जाँचें जैसे रक्त की जाँच, मूत्र की जाँच, अल्ट्रासाउंड इत्यादि मुफ़्त कारवाई जाती हैं।

(vii) योजना के अंतर्गत गर्भवती महिलाओं को घर से स्वास्थ्य संस्थानों तथा स्वास्थ्य संस्थानों से घर जाने हेतु मुफ़्त परिवहन भी उपलब्ध करवाने का प्रावधान किया गया है। इसके अतिरिक्त यदि महिला को किसी दूसरे संस्थान में रेफ़र करने की आवश्यकता महसूस होती है तो रेफरल के मामले में भी स्वास्थ्य संस्थानों के बीच मुफ्त परिवहन की व्यवस्था की गई है।

30 दिनों तक नवजात को मिलने वाली सुविधाएं

ऊपर बताई गई स्वास्थ्य सुविधाएं गर्भवती महिलाओं तथा माताओं के संबंध में थी जैसा कि इसके नाम से स्पष्ट है जननी शिशु सुरक्षा योजना के तहत नवजात शिशुओं को भी सुरक्षित किया गया है, नवजात शिशुओं को मिलने वाली इन सुविधाओं की अवधि जन्म से 30 दिनों की है। आइए जानते है इन सुविधाओं के बारे में।

  • नवजात शिशुओं का नि: शुल्क उपचार
  • मुफ्त दवाएं तथा उपभोग करने योग्य विभिन्न सामग्रियाँ
  • नि: शुल्क निदान
  • रक्त का नि: शुल्क प्रावधान
  • उपयोगकर्ता शुल्क से छूट
  • घर से स्वास्थ्य संस्थानों के लिए मुफ्त परिवहन
  • रेफरल के मामले में सुविधाओं के बीच मुफ्त परिवहन
  • संस्थानों से घर पर वापस मुफ्त ड्रॉप

योजना के लाभ

जननी शिशु सुरक्षा योजना लगभग एक दशक पूर्व लागू की गई और तब से संस्थागत रूप से होने वाले प्रसव में अच्छी खासी वृद्धि देखने को मिली है। इस योजना के लक्ष्य के रूप में इसका अनुमान था कि, 1.2 करोड़ से अधिक गर्भवती महिलाओं को योजना का लाभ होगा, हालाँकि इस योजना के अंतर्गत लाभान्वित होने वाली महिलाओं की संख्या लक्षित आँकड़े से कहीं अधिक है। गर्भवती महिलाओं को डिलीवरी के लिए सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं का इस्तेमाल करने के लिए उन्हें प्रोत्साहित करने की दिशा में जननी शिशु सुरक्षा योजना ने महत्वपूर्ण कार्य किया है।

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इसी प्रकार की अन्य योजनाएं

वर्ष 2005 में (12 अप्रैल 2005) केंद्र सरकार के राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (National Health Mission) द्वारा शुरू की गई जननी सुरक्षा योजना (JSY) भी इसी प्रकार की एक योजना है, जिसका उद्देश्य मातृ एवं शिशु मृत्य दर को कम करना तथा संस्थागत प्रसव को प्रोत्साहित करना था। यह एक शत प्रतिशत केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित योजना है और प्रसव के दौरान एवं प्रसव के उपरांत देखभाल हेतु नकद सहायता प्रदान करती है।

योजना के माध्यम से गर्भवती महिलाओं विशेषतः गरीब गर्भवती महिलाओं को पंजीकृत स्वास्थ्य संस्थाओं में प्रसव के लिये प्रोत्साहित करना है, जो इससे पूर्व तक आवश्यक जानकारी के आभाव में केवल घरेलू प्रसव को ही प्राथमिकता देती थी। गर्भवती महिलाओं द्वारा जब जन्म देने के लिये किसी अस्पताल में पंजीकरण किया जाता है तो एसी महिलाओं को प्रसव के लिये भुगतान करने तथा उन्हें संस्थागत प्रसव के लिए प्रोत्साहित करने हेतु नकद सहायता दी जाती है।

गर्भवती महिलाओं को जननी सुरक्षा योजना के माध्यम से लाभान्वित करने की दिशा में आशा कार्यकर्ताओं (मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता) का भी बेहद अहम योगदान होता है, ये अपने अपने क्षेत्रों में ऐसी महिलाओं को सूचीबद्ध करने का कार्य करती हैं तथा इसके पश्चात गर्भवती महिलाओं को संस्थागत प्रसव के लाभों की जानकारी देने से लेकर विभिन्न चरणों जैसे प्रसव पूर्व जाँच, शिशु टीकाकरण इत्यादि में गर्भवती महिलाओं की सहायता करती हैं।

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