क्या है PM-गतिशक्ति योजना तथा इसका क्या उद्देश्य है?(PM Gati Shakti- National Master Plan for multi-modal connectivity)

देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा पिछले वर्ष अक्टूबर में प्रगति मैदान दिल्ली से PM-गतिशक्ति योजना (PM Gati Shakti- National Master Plan for multi-modal connectivity) की शुरुआत करी गई। प्रतियोगी परीक्षाओं के लिहाज से महत्वपूर्ण इस योजना के बारे में इस लेख में चर्चा करेंगे तथा जानेंगे इसे शुरू करने के पीछे क्या मुख्य उद्देश्य है दूसरे शब्दों में इससे देश को किस प्रकार से लाभ मिल सकता है

PM गतिशक्ति योजना

13 अक्टूबर, 2021 को प्रधान मंत्री मोदी ने पीएम गतिशक्ति मल्टी-मोडल कनेक्टिविटी के लिए राष्ट्रीय मास्टर प्लान की शुरुआत प्रगति मैदान, नई दिल्ली से की, जिसकी कीमत रु 100 लाख करोड़ निर्धारित की गई है। गौरतलब है कि, गतिशक्ति योजना की घोषणा पीएम मोदी ने स्वतंत्रता दिवस 2021 पर अपने संबोधन के दौरान की थी। इस महत्वाकांक्षी योजना के ब्लूप्रिंट में मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट की बात कही गई है, जिसमें सड़क, रेलवे और पोर्ट आदि सभी शामिल हैं।

योजना का उद्देश्य

गतिशक्ति योजना के पीछे सरकार का उद्देश्य लॉजिस्टिक्स की लागत को कम करने के लिये एक समन्वित और बुनियादी अवसंरचना परियोजनाओं का निष्पादन करना है। दूसरे शब्दों में यह योजना देशभर में इंफ्रास्ट्रक्चर की चुनौतियों से निपटने मे सहायक सिद्ध होगी। इस वर्ष के बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी गतिशक्ति परियोजना के संबंध में चर्चा करी।

देश में इंफ्रास्ट्रक्चर अथवा बुनियादी सुविधाओं के विकास हेतु लाई गई योजनाओं की कड़ी में यह तीसरी योजना है इस प्रकार की अन्य दो योजनाओं में राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन तथा नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन शामिल हैं। बता दें कि, गति शक्ति योजना के तहत वर्ष 2019 में 110 लाख करोड़ रुपए की लागत से शुरू की गई ‘राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन’ को समाहित किए जाने की योजना है।

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गतिशक्ति योजना का एक और लक्ष्य देशभर में 11 औद्योगिक गलियारे तथा दो नए रक्षा गलियारे (एक तमिलनाडु में और दूसरा उत्तर प्रदेश में) बनाना भी है। इस योजना के अंतर्गत लगभग सभी गाँवों में 4G कनेक्टिविटी का विस्तार किया जाएगा, 220 नए एयरपोर्ट्स तथा वाटर एयरोड्रम बनाए जाएंगे इसके साथ ही गैस पाइपलाइन नेटवर्क में भी 17,000 किलोमीटर की अतिरिक्त क्षमता जोड़ने की योजना बनाई जा रही है।

योजना की लागत

गतिशक्ति योजना के लिए 100 लाख करोड़ की धनराशि निर्धारित करी गई है, जिसके तहत देशभर में इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव लाने की तैयारी है। पीएम गति शक्ति योजना के तहत रेल एवं सड़क समेत कुल 16 मंत्रालयों को एक डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाया जाएगा। इन सभी मंत्रालयों को एक प्लेटफॉर्म पर लाने का उद्देश्य इन मंत्रालयों की बड़ी परियोजनाओं के मध्य समन्वय स्थापित करना है। सभी विभागों के एक पोर्टल पर आने के चलते विभाग एक दूसरे की विभिन्न कल्याणकारी परियोजनाओं के बारे में जानकारी रख सकेंगे।

कई सरकारी परियोजनाएं अंतर्विभागीय समन्ववेयन ना होने के चलते पूर्ण होने में सामान्य से अधिक समय लगाती हैं इस समस्या से निपटने हेतु भी गतिशक्ति योजना की शुरुआत की गई है, इसके तहत विभिन्न परियोजनाओं में आने वाली विभागीय रुकावटों को दूर किया जाएगा, ताकि परियोजना के बनने में कोई देरी ना हो।

योजना के तहत कार्य

इस वर्ष के अपने बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री ने गतिशक्ति योजना के तहत आने वाले चार सालों में किए जाने वाले कुछ मुख्य कार्यों के बारे में जानकारी दी। वित्त मंत्री के अनुसार गतिशक्ति परियोजना के तहत अगले तीन सालों में 400 नई वंदे भारत ट्रेनें शुरू की जाएंगी तथा 100 पीएम-गतिशक्ति कॉर्गो टर्मिनल्स को भी तैयार किया जाएगा।

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देशभर में लॉजिस्टिक की आवाजाही तेजी से सुनिश्चित हो सके इसके लिए पीएम गति शक्ति मास्टर प्लान 2022-23 में तैयार किया जाएगा। बजट 2022 में इस परियोजना के अंतर्गत नेशनल हाईवे के नेटवर्क को कुल 25 हजार किलोमीटर तक और बढ़ाया जाएगा। वित्त मंत्री के अनुसार 2022-23 के लिए 8 नए रोप वे का भी पीपीपी मॉडल के आधार पर ऑर्डर किया जाएगा।

अर्थव्यवस्था पर प्रभाव

पीएम गतिशक्ति योजना सरकार की महत्वकांक्षा देश की अर्थव्यवस्था के “5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था” बनने की दिशा में सहयोगी साबित होगी। देश में आधारभूत ढाँचे के मजबूत होने से लॉजिस्टिक्स अथवा समान की ढुलाई की लागत को कम किया जा सकेगा, जिसके चलते बड़े उद्योगों समेत छोटे उद्योगों, व्यापारियों आदि को भी इसका लाभ मिलेगा। इस योजना के तहत विभिन्न भौगोलिक स्थितियों को ध्यान में रखते हुए मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी पर जोर दिया जा रहा है, जिसके परिणामस्वरूप आम लोगों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचने के लिए बेहतर ट्रांसपोर्ट के विकल्प उपलब्ध हो सकेंगे।

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