जैसे की आप सभी जानते है भारत का तृतीय चंद्र अभियान 'चंद्रयान-3' निर्धारित समय के मुताबिक 23 अगस्त को सायंकाल 06:04 पर चंद्रमा के दक्षिणी क्षेत्र में सफलतापूर्वक अवतरण किया था।
ISRO ने रविवार, 27 अगस्त को चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर से जुड़े 'चेस्ट' उपकरण के माध्यम से चंद्रमा की सतह पर मापी जाने वाली तापमान की असमानता का एक चित्र प्रकट किया।
इसरो के अनुसार, 'चंद्रमा की सतह के तापीय गुणधर्मों की अध्ययन' (ChaSTE) ने चंद्रमा की दक्षिणी ध्रुव के निकटतम भाग में मौजूद मिट्टी का तापमान का अध्ययन किया।
पीटीआई समाचार संगठन की रिपोर्ट के अनुसार, इसरो के वैज्ञानिक बीएचएम दारुकेशा ने बताया, "हमने सोचा था कि सतह का तापमान 20 डिग्री सेंटीग्रेड से 30 डिग्री सेंटीग्रेड तक हो सकता है, पर वास्तव में वह 70 डिग्री सेंटीग्रेड है। यह परिणाम हमारी पूर्वानुमान से भिन्न है।
27 अगस्त को, रोवर प्रज्ञान ने अपने आसपास 4 मीटर की परिधि वाला एक क्रेटर (अवदेप) देखा। इस क्रेटर की तस्वीर रोवर के नेविगेशन कैमरा से ली गई थी।
फिर रोवर को उसके मौलिक मार्ग पर वापस जाने के लिए निर्देशित किया गया। 29 अगस्त को, इसरो ने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म X पर सूचना दी कि चंद्रयान-3 का रोवर प्रज्ञान ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव में गंधक की मौजूदगी की पुष्टि की है।
रोवर में लगे लेजर उपकरण LIBS ने गंधक की मौजूदगी की स्थिरता की है। अन्य तत्व जैसे एल्युमिनियम, कैल्शियम, लौह, क्रोमियम, टाइटेनियम, मैंगनीज, सिलिकॉन और ऑक्सीजन का भी संकेत मिला है, और अभी हाइड्रोजन की खोज जारी है।